कल दिनांक २०-११-२०१७ के आगे क्रमशः .........
जो लोग सत्ता में यह कह कर काबिज हुए थे की हम तुष्टिकरण की राजनीती नहीं करते आज वे मात्र कुछ लोगो को खुश करने के लिए देश में civil - war जैसा माहौल तयार किये हैं। इतिहास पता है या नहीं मगर वर्तमान को ख़राब करने का जो गन्दा खेल कुछ लोग सत्ता और राजनीति में खेल रहे हैं उसका करारा जवाब जनता देगी।
हम बात कर रहे है हाल फ़िलहाल विवादो में घिरी फिल्म पद्मावती की। अगर आप लोग थोड़ा भी कुछ चित्तौडग़ढ़ की रानी पद्मावती के बारे में जानते होंगे तो ये जरूर जानते होंगे की उन्होंने महिला सम्मान और सतीत्व की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति हँसते हँसते दे दिया।
मगर आजकल के कथित देशभक्त और कुछ अपने को राजपूत कहने वाले लोग एक ऐतिहासिक महिला का सम्मान एक महिला का अपमान करके ये दिखाना चाहते है कि वो आम जनता से ज्यादा ज्ञान रखते हैं। अभी कल ही की बात है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी जो कुछ दिन पहले अपने यहाँ की सड़कों को USA की सड़को से ज्यादा बेहतर बता रहे थे , कल भावना में इतना बह गए की रानी पद्मावती को राष्ट्रमाता तक बोल दिया। मतलब ये है कि ये नेता लोग रोटी पकानी है तो लकड़ी के लिए किसी भी हद तक गिर जायेंगे। ये नहीं सोचेंगे की इससे क्या हम अपने राजधर्म का पालन कर रहे है ?
इन सब से ऊपर मजे की बात और कि हमारे मन की बात कहने वाले माननीय प्रधानमंत्री जी का इस रविवार को इस सम्बन्ध में कोई शांति अपील तक जारी नहीं किया गया। इससे साफ़ पता चलता है कि अगर वो चाहें तो देश के प्रधान होने के नाते सबके मुँह पर ताला लगा सकते है। मगर नहीं उन्हें येन केन प्रकरणेन गुजरात का किला फ़तेह करना है। वर्ना इन छोटे मोटे नेताओं की औकात नहीं जो हिन्दुस्तान जैसे बोलने की आज़ादी वाले देश में तालिबानी भाषा का प्रयोग कर सके। नाक काट देंगे, सर काट देंगे, जिन्दा जला देंगे, १ करोड़, १० करोड़ , इत्यादि इत्यादि। किसीको मारने के लिए खर्च कर देंगे मगर अपने देश में पल रही गरीबी को मारने के लिए फूटी कौड़ी नहीं निकालेंगे।
आम जनता के लिए ये सब देशद्रोही हैं , गद्द्दार हैं।
धन्यवाद।
नोट- ये विचार एक लेखक के हैं संपादक का इन सबसे कोई लेना देना नहीं है।
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